कौन संभालेगा भोला बाबू का विरासत: एनडीए और यूपीए में टिकटार्थीयों का लंबी सूची

अजय शास्त्री,

अब डॉ भोला सिंह के देहांत के इस बेगूसराय लोकसभा सीट का विरासत 2019 में कौन संभालेगा।
बिहार  के बेगूसराय से बिहार में कुल 40 लोकसभा की सीट है। जिसमें बेगूसराय लोकसभा की सीट काफी हाई प्रोफाइल यह सीट है ।इस लोकसभा सीट के ऊपर पूरे बिहार के नेताओं की नजर  है।

इस सीट के लिए एनडीए गठबंधन के दल में शामिल जदयू के उम्मीदवार भी अपना दावेदारी कर रहे है । वहीं भाजपा भी इस सीट को भूल कर भी किसी दूसरे पार्टी को देना नहीं चाह रही है। जो कि सूत्रों से खबर मिली है। पिछले 2014 के लोकसभा चुनाव में भाजपा के उम्मीदवार रहे डॉ भोला सिंह ने आरजेडी के उम्मीदवार मो० तनवीर हसन को हराकर सांसद बेगूसराय से बने थे। लेकिन अब उनका देहांत हो गया है । ऐसे में अब लोकसभा की इस बेगूसराय  की सीट को कौन संभालेगा । आपको यह जानकर आश्चर्य होगा कि बेगूसराय में  एक समय था । उस समय वामपंथियों का इसे गढ़ माना जाता था । लेकिन सीपीआई के उम्मीदवार 2014 के  लोकसभा के हुए चुनाव में यहां से तीसरे स्थान पर रहे थे.। बेगूसराय में कुल 7 विधानसभा क्षेत्र हैं ।जिसमें चेरिया बरियारपुर विधानसभा, बछवाड़ा, तेधड़ा, मटिहानी, साहेवपुर कमाल, बेगूसराय ,और बखरी विधानसभा की सीटे हैं । वर्ष 1952 ई० में जब  प्रथम बार आम चुनाव यहाँ से कराया गया था। जिसमें कांग्रेस के प्रत्याशी मथुरा प्रसाद मिश्र यहां से चुनाव लड़कर जीते थे। वही 1962 तक लगातार तीन बार यहां से चुनाव जीतते रहे। 1962 में पहली बार यहां से सीपीआई की जीत हुई थी, और योगेंद्र शर्मा सांसद बने थे।

1971 में फिर कांग्रेस के श्याम नंदन मिश्र चुनाव जीते । 1977 में अपना पहला बदला और जनता पार्टी की टिकट को लेकर चुनाव लड़े और चुनाव जीतकर सांसद बने ।1980 से 1984 और 1991 में श्रीमती कृष्णा शाही कांग्रेस की टिकट पर चुनाव लड़कर जीती थी ।1989 में यहां जनता दल की टिकट को लेकर ललित विजय सिंह ने चुनाव लड़ा था और वह भी चुनाव जीतकर सांसद बने थे। 1996 में निर्दलीय प्रत्याशी के तौर पर रवींद्र कुमार ने चुनाव जीतकर सभी को चौंका दिया था। लेकिन 1998 में फिर इस सीट पर  कांग्रेस ने अपना कब्जा जमाया ।जनता दल से अलग होकर राष्ट्रीय जनता दल आरजेडी की स्थापना हुई थी। 1999 में बेगूसराय सीट से उम्मीदवार बन थे, राजवंशी महतो। उन्होंने चुनाव जीतकर सांसद बेगूसराय  से बने थे।इसके बाद दो बार लगातार इस सीट पर जेडीयू का कब्जा रहा। 2004 में राजीव रंजन उर्फ ललन सिंह और 2009 के चुनाव में डॉ० मोनाजिर हसन ने जेडीयू से चुनाव बेगूसराय के लड़कर सांसद बने थे ।लेकिन 2019 के लोकसभा चुनाव को लेकर एनडीए उम्मीदवारों  के बीच कयासों का बाजार काफी गर्म है ।भारतीय जनता पार्टी के उम्मीदवारों में जो सूत्रों से जानकारी मिल रही है। उसमें एक नंबर पर नाम केंद्रीय राज्य मंत्री गिरिराज सिंह का चल रहा है ।वहीं बीजेपी के उम्मीदवारों में टिकट लेने की लाइन में लगे विधान पार्षद व भाजपा के युवा नेता रजनीश कुमार ,सांसद रहे भोला बाबू की पुत्रवधू वंदना सिह, बेगूसराय के पूर्व विधायक सुरेंद्र मेहता ,पूर्व गन्ना राज्य मंत्री अशोक महतो,  पूर्व मंत्री डाँ० जमशेद अशरफ, और भाजपा के युवा नेता कुंदन कुमार सिंह का भी नाम टिकट की रेस में चल रहा है ।

वहीं जदयू भी अपना दावेदारी बेगूसराय सीट से कर रही है। जिसमें लोकसभा सीट के लिए उम्मीदवारों की रेस में जदयू के जिलाध्यक्ष भूमि पाल राय ,पूर्व विधान पार्षद रुदल राय ,मटिहानी के विधायक नरेंद्र कुमार उर्फ बोगो सिंह के नामों का चर्चा है। अगर भाजपा और जदयू बेगूसराय से चुनाव नहीं लड़ेगी तो लोजपा के प्रत्याशी व एनडीए गठबंधन के उम्मीदवारों म पूर्वें सांसद सूरजभान सिंह की पत्नी व मुंगेर की वर्तमान सांसद वीणा देवी को लड़ाया जा सकता है। वही महागठबंधन सीट से आरजेडी के प्रत्याशी डॉ० तनवीर हसन ,भी बेगूसराय सीट से दावा ठोक रहे हैं ।वहीं वामदल से महागठबंधन के उम्मीदवार के लिए पूर्व जेएनयू छात्र संघ के अध्यक्ष रहे कन्हैया कुमार को संभवत: बेगूसराय सीट से लोकसभा चुनाव लड़ाए जाने की चर्चा जोरों पर  पार्टी में चल रहा हैं।

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